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पिशाचमोचन
पर पिशाचेश्वर का मंदिर है। उनके
दक्षिण में पित्रीश्वर पितरकुण्डा (पितृकुण्ड) के समीप हैं वहीं पर छागलेश्वर भी हैं। कर्पदीश्वर तथा विमलेश्वर का मंदिर पिशाचमोचन पर है। विमल कुण्ड पिशाचमोचन तालाब के नाम से प्रसिद्ध है। हेरम्ब विनायक पिचाशमोचन के समीप बाल्मीकि
टीले पर हैं और उनके निकट ही बाल्मीकीश्वर है जो बाल्मीकि टीले पर है। पिशाचमोचन के निकट ही पंचास्य विनायक है और समीप ही पिंगलेश्वर का मंदिर है। पितृकुण्ड के समीप 70-75 मीटर से अधिक की दूरी पर मातृकुण्ड है। आज भी मातृ गया होती है यह तीर्थ सिद्धपुर (सौराष्ट्र) में हैं जहाँ कपिल ने अपनी माता की सांख्य का उपदेश दिया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुंड व तालाब (हिंदी) काशी कथा।
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