''मेरे
सीने की आग या तो मुझे जिंदा कर सकती थी या मुझे मार सकती थी. पर साला अब
उठे कौन, कौन फिर से मेहनत करे दिल तुड़वाने को, अबे कोई तो आवाज देके रोक
लो
फिल्म रांझना के टॉप डायलॉग:
![]()
<<--मुख्य पेज "वाराणसी एक परिचय " केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय ( तिब्बती: ཝ་ཎ་མཐོ་སློབ, Wylie: वा ना म्थो स्लोब / Central University for Tibetan Studies (CUTS)) भारत का स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालय है। यह उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में स्थित है। यह पूरे भारत में अपने ढंग का एकमेव विश्वविद्यालय है । इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1967 में हुई थी। उस समय इसका नाम 'केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान' (Central Institute of Higher Tibetan Studies) था। बिखरे हुए तथा भारत के हिमालयीय सीमा प्रदेशों मे रहनेवाले तथा धर्म, संस्कृति, भाषा आदि के संबंध में तिब्बत से जुड़े युवाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से ऐसे विश्वविद्यालय की परिकल्पना सर्वप्रथम जवाहरलाल नेहरू और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बीच हुए एक संवाद से साकार हुई । ‘केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान’ नाम से संबोधित यह संस्थान शुरू में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की शाखा के रूप में कार्य करता था और बाद में 1977 में वह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वशासित संगठन के रूप में उभरा । आधिकारिक वेबसाइट
Subscribe to:
Posts (Atom)
|
You can replace this text by going to "Layout" and then "Page Elements" section. Edit " About "
|
बनारसी मस्ती के बनारस वाले