रामकटोरा कुण्ड उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी नगर में स्थित है। जगतगंज क्षेत्र में सड़क किनारे रामकटोरा कुण्ड स्थित है। इसी कुण्ड के नाम पर ही मोहल्ले का नाम रामकटोरा पड़ा। यह कुण्ड कटोरे के आकार का है। कुण्ड के पास राम, लक्ष्मण, जानकी और बजरंग बली का मंदिर भी है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शिलालेख भी लगा हुआ है। जिसके अनुसार मंदिर का निर्माण दो सौ वर्ष पहले जगतगंज के जमींदार इन्द्र नारायण सिंह ने कराया था। कहा जाता है कि हिन्दी साहित्य के कालजयी रचनाकर जयशंकर प्रसाद और भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इसी कुण्ड के तट पर बैठकर लेखन किया करते थे। इस कुण्ड में पांच भूजल स्रोत भी हैं। जिसकी वजह से यह कभी नहीं सूखता है। सही रख रखाव नहीं होने से इस कुण्ड की दशा भी खराब है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुंड व तालाब (हिंदी) काशी कथा।
<!
|
|
बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
|
|
|
0 comments:
आपके स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देती हैं जिसके लिए हम आप के आभारी है .
Post a Comment