काशी के लक्सा क्षेत्र के अयोध्यापुरी में राम कुण्ड स्थित है।
बनारस स्टेट के समय
के मानचित्र संख्या 356 मौजा
रामापुरा, परगना
देहात, अमानत
सन् 1883-84 में भी
रामकुंड अंकित है। रामकुण्ड में आज भी प्राचीन समय के शाही नाले से मिलने वाली सुरंग
है जिसमें आज भी बारिश का पानी गंगा में गिरता है। कुण्ड पर हर वर्ष
भादों माह की छठ पर ललई छठ का मेला लगता है। जिसमें काफी संख्या में महिलाएं
व्रत रखकर ललई माता की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां स्थापित
रामेश्वरमलिंग में सीतापति भगवान राम हमेशा रहते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुंड व तालाब (हिंदी) काशी कथा।
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बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
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