वाराणसी में जैन धर्म

जैन धर्म आज की पहचान सबसे पुराने धर्मों में से एक है . यह सिर्फ एक धर्म नहीं है, यह एक सुखी जीवन जीने का तरीका सोचा है . उसके प्रधानाचार्यों , जीवन और दर्शन का रास्ता स्वर्गीय अहसास और स्वतंत्रता के प्रति भावना प्रगति के लिए स्वयं प्रयास के आवश्यक जोर. वाराणसी जैन समुदाय के लिए अधिक का दौरा किया स्थान है . जैन वाराणसी जगह है कि विश्वास है जहां 23 Tirthhankar Parshvanathat . दिगंबर मंदिर के रूप में जाना वाराणसी में एक जैन मंदिर इस मंदिर Bhelupur , वाराणसी के पास स्थित है. इस मंदिर वाराणसी के जैन समुदाय के लिए एक बड़ा महत्व है .
Bachraj घाट भी यह गंगा के तट पर स्थित है , जैन घाट के रूप में जाना जाता है, यह जैन महाराज इस घाट के स्वामित्व में है कि कहा जाता है. इस घाट के पास इन मंदिरों पर जाकर जैन तीर्थ के लिए एक जीवन भर का अनुभव है कि माना जाता है कि गंगा के तट के पास स्थित तीन जैन मंदिर हैं . जैन समुदाय के लोग इस जगह को गंगा में एक डुबकी है और उसके बाद प्रार्थना सभी तीन पवित्रा मंदिरों में एक के बाद एक के लिए जाने के लिए एक यात्रा है .



  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • RSS

0 comments:

Post a Comment

बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
Copyright © 2014 बनारसी मस्ती के बनारस वाले Designed by बनारसी मस्ती के बनारस वाले
Converted to blogger by बनारसी राजू ;)
काल हर !! कष्ट हर !! दुख हर !! दरिद्र हर !! हर हर महादेव !! ॐ नमः शिवाय.. वाह बनारस वाह !!