मोदी की जीत में परदे के पीछे काम करने वाले लड़के

16वीं लोकसभा में बीजेपी की शानदार जीत के पीछे नरेंद्र मोदी की पहल पर बनाई गई अनुशासित और समर्पित युवाओं की टीम है जो दिन रात परदे की पीछे से रणनीति पर काम करती रही। मोदी के कैंपेन को असरदार बनाने के लिए यह टीम मीलिटरी की तरह मारक रणनीति और विपक्षी पार्टियों के हर दांव को नाकाम करने में अहम भूमिका अदा कर रही थी। इस टीम के सारे यंग टेकी गुजरात से थे। यह टीम मोदी को चुनाव रैलियों में उनके भाषण से 15 मिनट पहले राहुल-सोनिया के भाषण से अपडेट करा देती थी। 

ये सारे यंग टेकी बीजेपी हेडक्वॉर्टर 11, अशोक रोड स्थित इलेक्शन वॉर रूम के रडार पर रहते थे। यहीं से नरेंद्र मोदी के हर कैंपेन की योजना जमीन पर उतारी गई। रणनीति बनाने के मामले में बेमिसाल प्रतिभा रखने वाले मॉलिक्युलर बायलॉजिस्ट और अहमदाबाद में टोरंट फर्मासूटिकल्स के वाइस प्रेजिडेंट(डिस्कवरी रिसर्च) विजय चौथाइवाले को बीजेपी चुनावी ऑपरेशन के लिए दिल्ली लाई थी।

यूनाइडेट किंगडम बेस्ड अक्वीजिशन ऐंड मर्जर वकील मनोज लाडवा मोदी की रिसर्च अनैलेसिस ऐंड मैसेजिंग टीम को लीड कर रहे थे। यह टीम उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बनारस कंट्रोल रूम से काम कर रही थी। मोदी के डिजिटल कैंपेन को दिल्ली में सिलिकन वैली से आए अरविंद गुप्ता और गांधीनगर में हीरेन जोशी हैंडल कर रहे थे।

चैथाइवाले ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा कि हम साथ मिलकर राजनीतिक, गैर राजनीतिक और रचनात्मक पक्षों को शामिल कर पूरे कैंपेन को अंजाम दे रहे थे। चौथाइवाले मूल रूप से नागपुर के रहने वाले हैं लेकिन वह 18 सालों से अहमदाबाद में रह रहे हैं। चौथाइवाले आरएसएस बैकग्राउंड से हैं। 4 महीने पहले इन्हें मोदी ने कैंपेन में मदद करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि भले मैं संघ बैकग्राउंड से हूं लेकिन मेरे लिए यह पहला इलेक्शन कैंपेन है। इन्हें संघ और राज्यों के नेताओं के साथ दिल्ली और गांधीनगर में समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

लाडवा की भूमिका ज्यादा बड़ी थी। लाडवा भी मूल रूप से गुजराती हैं, लेकिन वह यूके में रहते हैं। इनके परिवार वाले बीजेपी से जुड़े हैं। चुनाव में लाडवा को यूके से बुलाकर बीजेपी ने जिम्मेदारी सौंपी। यह मोदी के कैंपेन के लिए इनपुट्स तैयार करते थे। बीजेपी के अजेंडा सेटिंग में लाडवा की बड़ी भूमिका रही। मोदी चुनावी रैलियों में किन मु्द्दों पर जोर देंगे, लाडवा इसकी रणनीति तैयार करते थे।

वह क्रिएटिव टीम पीयूष पांडे के साथ भी जुड़े थे। वह हर दिन 9:30 बजे सुबह मीटिंग शुरू करते थे। इस मीटिंग में हर दिन का अजेंडा तय किया जाता था और एक यूनिफॉर्म मेसेज तैयार किया जाता था। इस मीटिंग में बीजेपी के सभी प्रवक्ताओं को आना जरूरी होता था। 10: 30 बजे तक एक ब्रीफिंग नोट तैयार कर पार्टी के अहम लोगों के बीच बांट दिया जाता था।

ओबामा के कैंपेन की भी स्टडीः लाडवा ने कहा कि हमने दुनिया भर के चुनावी कैंपेन की स्टडी की है। इसमें बराक ओबामा और टोनी ब्लेयर के कैंपेन भी शामिल हैं। यह टीम ऐसा मेसेज या स्लोगन तैयार करती थी जो विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की जुबान पर चढ़ जाए। मोदी को देश के खास क्षेत्रों में बोलने के लिए यह टीम खास इनपुट्स तैयार कर देती थी।

सोनिया, राहुल की रैली पर खास नजरः मोदी अपनी रैली में कोस्टल इलाके में मछुआरों पर और पूर्वोत्तर में घुसपैठ पर रणनीति के तहत फोकस करते थे। सबसे अहम बात यह है कि ज्यादातर टीमों की कमान युवाओं के पास थी। इन टीमों की नजर विपक्षी पार्टियों की रैलियों पर भी होती थी। सोनिया और राहुल गांधी की स्पीच पर मोदी टीम की खास नजर रहती थी।

15 मिनट में हर अपडेटः चौथाइवाले ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के आरोपों पर हम पॉइंट्स तैयार कर मोदी को स्पीच देने से 15 मिनट पहले मुहैया कराते थे। लाडवा ने कहा कि हमारा बिल्कुल साफ अजेंडा था कि विपक्षी पार्टियों की तरफ से उठाए गए हर इश्यू पर मोदी बेबाक जवाब दें।


साभार : भावना विज अरोड़ानई दिल्ली ( ना. भा. ट )
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बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
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