पुरुषों की पैंट पर ताला लगा दोः हाई कोर्ट

पब्लिक प्लेस पर पेशाब करने की हरकतों से आजिज हाई कोर्ट ने हल्के-फुल्के लहजे में कहा, 'हर पुरुष की पैंट की जिप में एक ताला लगा देना चाहिए और उसकी चाबी घर पर रखनी चाहिए।'

जस्टिस प्रदीप नंदराजग और जस्टिस दीपा शर्मा की बेंच ने इस बात पर परेशानी जाहिर की कि इस बुरी आदत को रोका नहीं जा पा रहा है। हालांकि कोर्ट ने इस बारे में अधिकारियों को कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि लोगों को पेशाब से दीवारें गंदी करने से रोके। कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा कोई निर्देश नहीं दे सकते।

कोर्ट ने कहा, 'सार्वजनिक स्थानों पर पेशाब की समस्या को किसी और मंच पर हल करना होगा। निश्चित तौर पर कोर्ट किसी व्यक्ति को यह नहीं कह सकता कि घर से निकलते वक्त अपनी जिप बंद रखे।' 


कोर्ट ने इस बात पर निराशा जाहिर की कि दीवारों पर देवताओं की तस्वीरें लगाने से भी पुरुषों को नहीं रोका जा सकता। जज ने कहा, 'तस्वीरों से यह बात साबित होती है कि लोग अपने ब्लैडर का प्रेशर हल्का करने के लिए अपने देवताओं की तस्वीरों पर भी पेशाब करने से नहीं चूकते।'

याचिका में कुछ दीवारों पर लगी देवताओं की तस्वीरें हटाने का भी आग्राह था। ये तस्वीरें इसीलिए लगाई गई थीं कि पुरुषों को वहां पेशाब करने से रोका जा सके। लेकिन कोर्ट ने तस्वीरें हटाने का आदेश देने से भी इनकार कर दिया। बेंच ने कहा, 'किसी को भी अपने घर या कंपाउंड की दीवारों पर देवताओं की तस्वीरें लगाने से नहीं रोका जा सकता।'

याचिकाकर्ता मनोज शर्मा इस बात से दुखी हैं कि लोग देवताओं की तस्वीरों वाली दीवार पर पेशाब कर रहे हैं। उन्होंने इसके समर्थन में तस्वीरें भी पेश की थीं। लेकिन कोर्ट ने बस इतना ही कहा कि अपना प्रेशर हल्का करने के लिए किसी भी दीवार का सहारा लेने वालों की आदत बहुत ज्यादा परेशान करने वाली है। 
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बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
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काल हर !! कष्ट हर !! दुख हर !! दरिद्र हर !! हर हर महादेव !! ॐ नमः शिवाय.. वाह बनारस वाह !!