काशी की बेटियों ने महज 200 रुपए में बनाई रेप से बचाने वाली खास जींस

वाराणसी. काशी की दो बेटियों ने कमाल कर दिया है। दीक्षा पाठक और अंजलि श्रीवास्तव ने एक ऐसी जींस बनाई है, जिसमें वॉकी टॉकी डिवाइस लगा हुआ है। इसमें बटन लगे हुए हैं। छेड़छाड़, रेप की कोशिश या किडनैपिंग के समय इसका बटन दबाते ही पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर ऑटोमैटिक कॉल चली जाएगी। इसके बाद सर्विलांस के जरिए पुलिस घटनास्थल को ट्रैक कर सकती है।

तस्वीर में: खास जींस को दिखाती दीक्षा (बाएं) और अंजलि (दाएं)

    छेड़छाड़ होने पर बटन दबाते ही पुलिस को जाएगी कॉल
    तीन महीने तक कर सकते हैं इस जींस का इस्तेमाल
कम्प्यूटर साइंस की छात्रा दीक्षा ने बताया कि उसके पिता ड्राइवर हैं। वह अक्सर बीमार रहते हैं। उनका सपना है कि बेटी कुछ ऐसा करे, जिससे उनका नाम रौशन हो। ऐसे में, उसने लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक खास डिवाइस बनाने की सोची। इस काम में उसकी सहेली और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन की छात्रा अंजलि ने बखूबी साथ दिया। इस स्पेशल जींस को बनाने में महज 200 रुपए खर्च हुए हैं।

क्या है इस जींस की खासियत

इस जींस में एक सेंसर माइक लगा है, जिसकी फ्रिक्वेंसी काफी तेज है। इसके सर्किट में साधारण मोबाइल चिप का इस्तेमाल किया गया है। इसमें इमरजेंसी नंबर सेट किया जा सकता है। इसका स्विच दबाते ही संबंधित व्यक्ति को कॉल चली जाएगी। जब तक कॉल रिसीव नहीं होगी, तब तक वाइब्रेशन होता रहेगा।

नेटवर्क फेल होने पर पुलिस को जाएगी कॉल

नेटवर्क फेल होने पर पुलिस के 100 नंबर पर कॉल चला जाएगा। इसके बाद सर्विलांस के जरिए पुलिस घटनास्थल का पता लगा सकती है। इस जींस को अधिकतम तीन महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

तस्वीर में: जींस में लगा वॉकी टॉकी डिवाइस

कैमरे भी लगेंगे

दीक्षा और अंजलि ने बताया कि इस जींस में एक कैमरा लगाया जाएगा। डिवाइस के स्विच को ऑन करते ही इस कैमरे में आरोपी का वीडियो बनने लगेगा। यह वीडियो अलग-अलग फाइल के जरिए सेट नंबरों पर पहुंच जाएगा। इससे पुलिस आरोपी तक जल्द पहुंच सकेगी।

क्या कहते हैं जानकार

बीएचयू के प्रो. एसके शर्मा के अनुसार, यह डिवाइस सुरक्षा के लिहाज से लड़कियों के लिए कारगर साबित हो सकता है। इसे तकनीकी रूप से रिसर्च कर बाजार में उतारा जा सकता है। काफी कम कीमत होने से लोग इसे आसानी से खरीद सकेंगे।
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बनारस शिव से कभी मुक्त नही, जब से आये कैलाश न गये। बनारसी की मस्ती को लिखा नही जा सकता अनुभव होता है। अद्भूद है ये शहर जिन्दगी जीनेका तरीका कुछ ठहरा हुआ है पर सुख ठहराव में है द्रुतविलंबित में नही. मध्यम में है इसको जीनेवाला है यह नगर। नटराज यहां विश्वेश्वर के रुप में विराजते है इसलिये श्मशान पर भी मस्ती का आलम है। जनजन् शंकरवत् है। इस का अनुभव ही आनन्द है ये जान कर जीना बनारस का जीना है जीवन रस को बना के जीना है।
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काल हर !! कष्ट हर !! दुख हर !! दरिद्र हर !! हर हर महादेव !! ॐ नमः शिवाय.. वाह बनारस वाह !!